वाप्कोस लिमिटेड ‘’लघु रत्न-।’’ केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तत्वावधान के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है । कम्पनी अधिनियम 1956 के अन्तर्गत 26 जून, 1969 को संस्थापित, वाप्कोस, भारत तथा विदेशों में जल संसाधन, विद्युत तथा अवस्थापना क्षेत्र के सभी क्षेत्रों में परामर्शी सेवाएं उपलब्ध करवाता है । हाल ही में अपने संस्था के अंतर्नियम में संशोधन कर, वाप्कोस ने विश्व में विकासात्मक परियोजनाओं हेतु प्रवर्तन सेवाओं की संकल्पना उपलब्ध करवाने के लिए अपने को अनुकूल बनाया है ।
आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित, वाप्कोस विश्व में अपने ग्राहकों को परियोजनाओं की अद्यतन प्रौद्योगिकी, लागत प्रभावकारी उपाय, समय पर कार्यान्वयन तथा आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए हमेशा प्रयास करता रहता है ।
भारत के अतिरिक्त, वाप्कोस ने विदेशों में बहुत से कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए/चल रहे हैं, तथा वर्तमान में अंगोला, अफगानिस्तान, बंग्लादेश, बेनिन, भूटान, बुर्किना फासो, बुरूंडी, कम्बोडिया, मध्य अफ्रीकन गणराज्य, चाड, डीआर कोंगो, इथियोपिया, घाना, गुनेया कोनाकरी, कीनिया, लाओ पीडीआर, लैसोथो, लीबिरिया, मलावी, मालदीव, माली, मंगोलिया, मोजाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, निगर, नाइजीरिया, फिलीपीन्स, रवाण्डा, सेनेगल, सिएरा लिओन, दक्षिण सूडान, श्रीलंका, स्वाजीलैंड, तंजानिया, त्रिनिदाद व टाबागो, टोगो, युगाण्डा, यमन तथा जिम्बाव्बे में परामर्शी सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है ।
भारत तथा विदेशों में सम्पूर्ण परियोजना उपायों हेतु जल, विद्युत तथा अवस्थापना विकास में ब्रैंड के रूप में मान्यता प्राप्त अग्रणीय परामर्शी संगठन बनना ।
सतत् लाभप्रद वृद्धि, कार्य निष्पादन में उत्कृष्टता, अद्यतन तकनीकी विशेषज्ञता का प्रयोग, नवीकरण, क्षमता निर्माण तथा विश्वव्यापी सामाजिक आवश्यकताओं में सेवारत ।
वाप्कोस विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय निधिक अभिकरणों के साथ पंजीकृत है जैसे :-